Topper Bhavna Suthar: राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (RBSE) ने आज 28 मई 2025 को 10वीं कक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इस साल भी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया कि मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है। जैसलमेर की भावना ने 99.67% अंक हासिल कर पूरे प्रदेश में टॉप किया है। 600 में से 598 अंक लाकर भावना ने एक मिसाल कायम की है।
10वीं के रिजल्ट में बेटियों ने मारी बाजी
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा से 10वीं कक्षा का परीक्षाफल जारी किया। बोर्ड सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस वर्ष 10 लाख 71 हजार 460 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा में हिस्सा लिया, जिनमें से 10 लाख 02 हजार 842 छात्र पास हुए। कुल पास प्रतिशत रहा 93.61%।
इस बार भी लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया। लड़कियों का परिणाम: 85.03% लड़कों का परिणाम: 82.01%
भावना ने लहराया जैसलमेर का परचम
जैसलमेर के फलसूंड गांव की रहने वाली भावना ने 600 में से 598 अंक प्राप्त किए हैं। भावना ने 99.67% अंक हासिल कर न सिर्फ अपने जिले बल्कि पूरे राजस्थान में टॉप किया है। भावना के पिता पेम्पाराम अहमदनगर (महाराष्ट्र) में एक कारपेंटर का कार्य करते हैं। भावना का स्कूल घर से 7 किमी दूर है और वह रोज 17 घंटे पढ़ाई करती थी। भावना का सपना IAS अधिकारी बनना है। भावना अपनी सफलता का श्रेय मां, बड़े भाई और बड़े पापा को देती हैं। भावना की मां परीक्षा के दिनों में रात भर जागकर उसका साथ देती थीं, चाय बनाकर उसे पढ़ाई के लिए उत्साहित करती थीं। भावना का भाई लक्ष्मण सुथार जयपुर में RAS की तैयारी कर रहा है।
सीकर की वंदना और नागौर की पूजा ने भी किया कमाल
सीकर की वंदना तंवर ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 99.50% अंक हासिल किए। वंदना KVM CLC संस्थान में पढ़ाई करती हैं। उनकी मेहनत ने जिले में गौरव बढ़ाया है। वहीं, नागौर की पूजा भादू ने भी 99.50% अंक के साथ जिले का नाम रोशन किया है। पूजा ने गणित, विज्ञान और संस्कृत में 100 में 100 अंक प्राप्त किए हैं। पूजा की इस सफलता पर स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों और परिजनों ने खुशी जाहिर की है।
प्रवेशिका परीक्षा में भी बेटियों का दबदबा
प्रवेशिका परीक्षा 2025 में कुल 7,316 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 7,099 ने परीक्षा दी।
कुल परिणाम: 83.67%
लड़कों का परिणाम: 82.01%
लड़कियों का परिणाम: 85.03%
प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वालों में भी लड़कियों ने बाजी मारी –
4,006 छात्राओं में से 974 छात्राएं प्रथम श्रेणी में
3,310 छात्रों में से 643 छात्र प्रथम श्रेणी में
यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि छात्राओं का प्रदर्शन सिर्फ पास होने में ही नहीं बल्कि उच्च श्रेणी हासिल करने में भी लड़कों से बेहतर रहा।