Family Pension Rules: हरियाणा सरकार ने राज्य के पूर्व कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। इसका लाभ मुख्य रूप से 1 जनवरी 2016 या इससे पहले सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों सहित उनके परिजनों को मिलेगा। नए आदेश ने हजारों लोगों की मुश्किलें आसान कर दी हैं, साथ ही उनके जीवन जीने का स्तर भी सुधारने वाली व्यवस्था लागू किया है।
2016 से पहले रिटायरी कर्मचारियों की पेंशन होगी संशोधित
राज्य सरकार ने तय किया है कि 1 जनवरी 2016 या इससे पहले रिटायरी होने वाले कर्मचारियों की पेंशन उनके अंतिम वेतन का 50% किया जाएगा। साथ ही उनके परिजनों की फैमिली पेंशन भी 30% रहेगी, जिसका मतलब है अधिक सुरक्षा, अधिक विश्वास और अधिक सुरक्षा उनके भविष्य की।
1986 का वेतन रहेगा नया आधार
वित्त विभाग ने आदेश दिया है कि नए नियम लागू होने पर पेंशन की गणना 1 जनवरी 1986 के वेतन पर आधारित रहेगी। इसका मुख्य लक्ष्य यह होगा कि पहले तय किया हुआ पेंशन स्तर न्यून होने पर भी अब लोगों की आय सुरक्षा तय रहे, ताकि उनके जीवन पर इसका नकारात्मक असर न पड़े।
हरियाणा सरकार ने किया न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये
राज्य सरकार ने यह भी साफ किया है कि नए आदेश लागू होने पर हर व्यक्ति की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये प्रतिमाह रहेगी — चाहें उनके वेतन या ग्रेड पे जैसा भी रहे। इसका फायदा विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में होगा, जहां अधिकतर घरों की मुख्य आय का साधन ही पेंशन हुआ करता है।
नए आदेश 1 जनवरी 2016 से होंगे लागू
वित्त विभाग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में आदेश किया किया है कि नए संशोधन 1 जनवरी 2016 की तारीख से ही लागू किए जाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि हजारों पूर्व कर्मचारियों और उनके परिजनों की पेंशन उसी तारीख से संशोधित होकर दी जाएगी, जिसका उनके जीवन पर बड़ा असर होगा।
हरियाणा सरकार की नई व्यवस्था से होने वाले मुख्य लाभ
वृद्धजनों की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
महंगाई पर नियंत्रण रखा जाएगा।
राज्य सरकार पर विश्वास अधिक मजबूत होगा।
परिवारजनों पर सुरक्षा का भाव रहेगा।
नियमित आय होने पर घर का खर्च अच्छे ढंग से चलेगा।
केंद्र सहित अन्य राज्य भी अपनाकर सकते हैं हरियाणा का मॉडल
हरियाणा सरकार का यह बड़ा फैसला दर्शाता है कि राज्य सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष जोर दे रही है। इसका संदेश साफ है — हर अनुभवी व्यक्ति का जीवन सुरक्षित, सम्मानपूर्ण और तनाव-मुक्त होना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार सहित अन्य राज्य भी हरियाणा की इस व्यवस्था पर विचार कर सकते हैं, ताकि उनके अनुभवी साथियों का भविष्य भी सुरक्षित किया जा सके।