अगर आप B.Ed कोर्स करने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने B.Ed को लेकर 2025 के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब बीएड कोर्स केवल मल्टी-डिसिप्लिनरी संस्थानों में ही संचालित किया जा सकेगा। इसके तहत देशभर के 15,000 से अधिक बीएड कॉलेजों को डिग्री कॉलेजों के साथ मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
NCTE का नया फैसला: एकल बीएड कॉलेज बंद होंगे
NCTE द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब अकेले संचालित होने वाले बीएड कॉलेजों को अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई बीएड कॉलेज 10 किलोमीटर के दायरे में किसी डिग्री कॉलेज के पास स्थित है, तो उसे उसी डिग्री कॉलेज में मर्ज कर दिया जाएगा। यह फैसला 2025 से लागू होगा और सभी कॉलेजों को 2030 तक मल्टी-डिसिप्लिनरी संस्थान बनने का समय दिया गया है।
प्रति कोर्स 50 छात्रों का मिलेगा एडमिशन
नए नियमों के तहत बीएड कोर्स में अब प्रति कोर्स 50 छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। पहले की तुलना में यह संख्या नियंत्रित की गई है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके। इस फैसले से न केवल कॉलेजों का ढांचा सुधरेगा, बल्कि शिक्षण स्तर भी ऊंचा होगा।
NEP 2020 के तहत लागू हो रहे हैं ये बदलाव
ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत किए जा रहे हैं। इस नीति का उद्देश्य देश की उच्च शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। इसके तहत स्कूल शिक्षा के ढांचे में भी बदलाव किया गया है और अब छात्रों को विषयों के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान और कौशल का भी विकास कराया जाएगा।
साझा संसाधनों से होगा संचालन
नए नियमों के अनुसार, मर्ज किए गए बीएड कॉलेज और डिग्री कॉलेज एक-दूसरे के भवन, शिक्षक और संसाधनों को साझा करेंगे। इससे कॉलेजों पर आर्थिक बोझ भी कम होगा और छात्रों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ मिलेगा। यह फैसला विशेष रूप से उन छोटे बीएड कॉलेजों के लिए राहत लेकर आया है जो आर्थिक संकट के कारण बंद होने की कगार पर थे।
2023 तक बीएड कॉलेजों को मिला था विकल्प
गौरतलब है कि NCTE ने पहले ही 2023 तक ऐसे सिंगल डिग्री प्रोग्राम वाले बीएड कॉलेजों को मर्ज करने का विकल्प दे दिया था। अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है। इस कदम से यह उम्मीद की जा रही है कि बीएड कोर्स की गुणवत्ता बढ़ेगी और शिक्षा के क्षेत्र में व्यावहारिकता व विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा।