School Safety Guidelines: राजस्थान के बीकानेर जिले से एक बड़ी अपडेट सामने आई है, जहां जिला शिक्षा विभाग ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पहले सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए सुरक्षा से जुड़े सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन आदेशों का उद्देश्य छात्रों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना है, ताकि नए सत्र की शुरुआत में कोई अव्यवस्था या खतरा उत्पन्न न हो।
स्कूल खुलने से पहले छत और नालियों की सफाई अनिवार्य
बीकानेर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महेन्द्र कुमार शर्मा ने निर्देश दिया है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान सभी स्कूल प्रबंधन को छतों पर जमा कचरा साफ करवाना होगा। साथ ही, बंद पड़ी नालियों की सफाई और उनकी मरम्मत भी करवानी होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विद्यालय खुलने के समय तक इन कार्यों को पूर्ण रूप से निपटा दिया जाए।
जहरीले जीव-जंतुओं को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूल परिसरों में बोरवेल, टांके, झाड़ियाँ और खुले मैदानों की विशेष रूप से जांच की जाए। इन स्थानों पर सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जीवों की उपस्थिति की संभावना होती है, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर सीधा खतरा बन सकता है। इस तरह की किसी भी स्थिति का समय रहते निराकरण करना अनिवार्य होगा।
क्षतिग्रस्त कमरों में छात्रों को बैठाना पूरी तरह से प्रतिबंधित
मानसून को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने आदेश दिए हैं कि जिन कक्षाओं की छत टपक रही है या जो संरचनात्मक रूप से क्षतिग्रस्त हैं, उनमें किसी भी छात्र को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। विद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि या तो इन कमरों की मरम्मत कराएं या वैकल्पिक व्यवस्था करें, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
एक जुलाई से सभी स्कूलों में शुरू होंगी कक्षाएं
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 1 जुलाई 2025 से राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू कर दिया जाएगा। इस बार बोर्ड परीक्षा परिणाम पहले ही जारी हो चुके हैं, इसलिए स्कूलों में पहली ही तारीख से कक्षा 1 से 12 तक की नियमित पढ़ाई शुरू की जाएगी।
छात्र प्रवेश की अंतिम तारीख 15 जुलाई निर्धारित
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों में छात्रों के प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। हालांकि परंपरागत रूप से कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए पूरे शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रवेश की सुविधा रहती है। इसका उद्देश्य यह है कि कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित न रहे।
सुरक्षा में लापरवाही पर तय होगी अधिकारियों की जिम्मेदारी
जिला शिक्षा विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि किसी स्कूल में इन दिशा-निर्देशों की अवहेलना की वजह से कोई भी अप्रिय घटना होती है तो संबंधित संस्था प्रधान, बीईईओ, पीईईओ और यूसीईओ को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इससे स्कूल स्तर पर सुरक्षा के प्रति गंभीरता बढ़ेगी।
स्कूल प्रबंधन को सौंपा गया सुरक्षा का दायित्व
विद्यालय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर आवश्यक सुरक्षा उपायों को समय रहते लागू किया जाए। इसके लिए नियमित निरीक्षण करना, फोटोग्राफिक प्रमाण बनाना और शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजना आवश्यक होगा। इससे न केवल स्कूल की तैयारी का स्तर बढ़ेगा बल्कि पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
शिक्षा विभाग की सख्ती से अभिभावकों में बढ़ा विश्वास
राज्यभर में शिक्षा विभाग की इस सख्ती का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। इससे ना केवल छात्रों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा बल्कि अभिभावकों का विश्वास भी शिक्षा व्यवस्था में बढ़ेगा। विभाग को उम्मीद है कि नए सत्र में बच्चों को पहले से बेहतर और सुरक्षित शैक्षणिक माहौल मिलेगा।